Tuesday, June 28, 2011

ये सच है..

ये सच है..

सच कहना अगर बगावत है

तो समझो हम भी बागी हैं..

भारत के वीर युवाओं, देश के कर्णधार एवं मेरे प्रबुद्ध दोस्तों.. आज भारत की अधिकाँश जनता भ्रष्टाचार से निपटने में लगी है.. आम आदमी हो या फिर नेता, सभी अपने आप को साफ़ सुथरा बता रहे हैं और दूसरों को भ्रष्ट| और इसी के मद्देनज़र लोग एक दुसरे को sms कर अपने विचार एवं तजुर्बे को एक दुसरे से बाँट रहे हैं|

पर मुझे लगता है, और ये मेरा अपना मानना है, कि शायद लोग इन sms को बगैर सोचे समझे ही एक दुसरे के पास भेज रहे हैं| मेरे दोस्त कुछ भेजने से पहले उसके आशय को समझने की कोशिश करो और फिर उसे दूसरों से बाटो| इसी SMS भेजने की प्रक्रिया में मुझे भी एक SMS आया.. उस पर ज़रा ध्यान दें:

Film:

Loot lo India

Caste :

Hero: Manmohan Singh

Heroin: Sonia Gandhi

Villain: A Raja

Supporting Villain: Suresh Kalmadi

Script By: Karunanidhi

Character Actor: Omar Abdullah

Friendly Appearance: RAHUL GANDHI

Comedy: Kapil Sibbal

Characterless Actor: ND Tewari, Sharad Pawar, Ajit Pawar

Dancer: Sheila Dixit

Action: Mamta Banerjee

Music By: Nira Radia

Guest appearance: Ajmal Kasab & Afzal guru

Banking Partner: Madhu Koda, Laloo Prasad Yadav, Hasan Ali

Choreographer: Hansraj Bhardwaj

Financed by: POOR PEOPLE OF INDIA

Message sent to me by: Vishal Tewari & Arvind Grover

धन्यवाद विशाल जी, ग्रोवर जी .. कम से कम तुम्हें ये बात तो समझ आ गयी की लूट लो इंडिया फिल्म के financer "poor people of india" यानी देश की गरीब जनता ही है| यानी कि देश की गरीब जनता ही ज़िम्मेदार है इस फिल्म के प्रदर्शन के लिए और देश की गरीब जनता ने ही लूट लो इंडिया फिल्म के किरदारों को चुना है.. तो सोचो दोष किसका है.. ??

आप अपना रोष किस पर प्रकट करना चाहते हैं.. विशाल जी, ग्रोवर जी मेरा अपना ख्याल है ऐसी बातों के प्रचार से देश से भ्रष्टाचार ख़त्म होने वाला नहीं है.. यदि समझ सको तो इस नए फिल्म के निर्माण में जो भूमिका हमने दिखाई है वो आपके लिए निचे दे रहा हूँ.. इस पर गौर फरमाइए और यदि आप सच्चे देश भक्त हैं, वाकई में देश की उन्नति और प्रगति के लिए तत्पर हैं तो हमारी इस फिल्म के प्रचार प्रसार में जुट जाइये.. मुझे यकीन है और मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि ऐसा यदि हो जाये तो भ्रष्टाचार को मिटाने और हटाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.. भ्रष्टाचार तो स्वतः स्वयं ही बोरिया बिस्तर लेकर भागती नज़र आएगी..

निम्न किरदारों पर गौर फरमायें..

फिल्म: भारत को लूट से बचा लो

कास्ट:

हीरो – भारत की गरीब जनता

हेरोइन – भारत की महिलाएं

विलेन - नासमझ भारत की जनता

सपोर्टिंग विलेन – धर्मवाद, जातिवाद, रिश्तेदारीवाद, बिरादरीवाद, भाईवाद, सहपाठीवाद, पड़ोसिवाद, अपनावाद,

स्क्रिप्ट बाई – गलत सोच के लोग

करक्टर ऐक्टर – भारत का “बाबा” समाज

फ्रेंडली अप्पेअरांस – बाबाओं के अन्धविश्वासी अनुयायी

करक्टरलेस ऐक्टर – जो शराब के बदले वोट दे

कॉमेडी – जो सौ रूपये दिहाड़ी पैर रिश्वतखोर , बेईमान और

लुटेरे नेताओं का प्रचार प्रसार करे

डांसर – पिअक्कड़ जनता

ऐक्शन – जानते बूझते गलत नेताओं के लिए हुल्लड़ मचाना

म्युज़िक बाई – भारत का नेता

गेस्ट अप्पेअरांस – गली का नेता

बैंकिंग पार्टनर – व्यापारी वर्ग

कोरेओग्राफर – भारतीय, जो धार्मिक सद्भावना असंतुलित करे

AT LAST, MUST BE FINANCED BY –

गरीब और नासमझ भारत की जनता

प्रार्थना : भारत को सोने का फिर से बना डालो

कर्म : सही सोच बनाओ , सही लोगों का साथ दो

सोचो समझो, फिर अपना नेता चुनो,

आँखें खोल कर सोना बंद करो

प्रोडयूस्ड बाई – DN SRIVASTAVA, भारत का एक ज़िम्मेदार सिपाही

जय हिंद जय भारत .. !!!

नोट: सर्व प्रथम भ्रष्टाचार की नियत को खुद के अंदर से ख़तम करो, समाज से भ्रष्टाचार तो खुद बा खुद बोरिया बिस्तार लेकर भागता नज़र आएगा..

क्या आपको लगता है कि आप भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं? क्या आपको लगता है कि आप किसी गलत काम को अंजाम देने की खातिर किसी को रिश्वत नहीं देते हैं? याद रखो, इस देश में कोई किसी से एक रुपया भी रिश्वत तब तक नहीं ले सकता है जब तक आप उसको रिश्वत दें नहीं..

और आप किसीको भी रिश्वत मूलतः दो कारणों से देते हैं..

पहला कारण ये कि आप उस रिश्वत के बदले कोई गैरकानूनी या अवैध काम को अंजाम देना चाहते हैं.

और

दूसरा कारण ये कि आप अपने हक़ अधिकारों को न तो जानते हैं न समझते हैं.. और दोनों ही कारणों की दोषी भारत की जनता स्वयं ही है.. क्या आपको ऐसा नहीं लगता है?

खुद को पहचानो.. अपने हक़ अधिकारों को जानो..

किसी को रिश्वत न दें, हालात चाहे कुछ भी हो..

फिर भी, यदि आपसे कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी आपके सही काम को अंजाम देने के लिए रिश्वत की मांग करता है,

और

यदि आपकी फ़रियाद सुनने वाला कोई नहीं है, तो

आप मेरे पास आइये, मैं आपको आपका हक दिलाने का वचन देता हूँ.

If you feel what is said above is true and will help not only in the development but also in the progress of each one, every one, every where in Bharat, then please forward this to yur known ones..

Your comments even in few words would be highly appreciated..