Wednesday, October 19, 2011

सरकार तुम्हारी जय होवे !!! शिक्षा के अधिकार की एक बार फिर उडाई गयी धज्जियाँ - बच्चों को किया शिक्षा से महरूम | विद्यालय हुआ बंद, वृद्धाश्रम लगा चलने | माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश की भी की गयी अवहेलना

जंगपुरा स्थित दिल्ली नगर निगम प्राथमिक विद्यालय के गेट पर सन 2007 में टला जड़ दिया गया | आसपास के लोगों ने बताया की इस स्कूल में अधिकांश बच्चे गरीब घरों से हुआ करते थे | तकलीफ तब हुई जब लोगों ने ये बताया कि उनमे से कुछ बच्चे अब बल मजदूरी कर रहे हैं |

आर टी आई एक्टिविस्ट डी एन श्रीवास्तवा ने फ़ौरन लगाई सूचना के अधिकार के तहत दरख्वास्त जिसमे कई अहम् जानकारियां मिलीं |

दिल्ली नगर निगम ने दरख्वास्त में मांगी गयी जानकारी देते हुए बताया
  1. जंगपुरा में चल रहे स्कूल को 2007 में सारे काले खान स्कूल के साथ मिला दिया गया था |
  2. कारण में शहरी चेत्र के (Asstt. Education Officer, City Zone, MCD) सहायक शिक्षा अधिकारी ने अपने पत्र संख्या D/374/AEO/CZ दिनांक 7 मई 2002 द्वारा यह दलील दी "जंगपुरा विद्यालय के भवन का निर्माण कार्य शीघ्र आरम्भ होने वाला है अतः दोनों पालियों के मुख्य अध्यापकों को निर्देशित किया जाता है कि अपने विद्यालयों का समस्त सामान सारे काले खान विद्यालय में स्थानांतरित करें"
  3. आदेश के अनुपालन के लिए तत्कालीन मुख्य अध्यापिका श्रीमती सुख वर्षा शुक्ला का स्थानांतरण 02.12.2004 को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया
  4. हैरानी कि बात ये है कि हालाँकि आर टी आई के मांगी गयी जानकारी में दूसरी पली के मुख्य अध्यापक के सन्दर्भ में कोई खुलासा नहीं किया गया है पर श्रीमती सुख्वार्षा शुक्ला के पत्र दिनांक 27.07.2005 पर यदि गौर करें तो पाएंगे कि एक मुख्य अध्यापिका श्रीमती सुख्वार्षा शुक्ला के पली में ही 413 बच्चे तो तब थे जब स्कूल को जंगपुरा से सारे काले खान शिफ्ट हुए लगभग ३-4 वर्ष हो चुके थे और अधिकांश बच्चों ने पढाई से नाता तोड़ लिया था | यानि कुल मिलाकर कोई कुछ भी कहे, पर यदि ये आंकड़ा भी सही मन लिया जाये तो भी औसतन लगभग एक हज़ार बच्चे जंगपुरा के उस विद्यालय में अवश्य ही पढ़ते रहे होंगे |
  5. श्रीमती सुख वर्षा शुक्ला ने अपने उपरोक्त पत्र में ये भी साफ़ कर दिया था कि सारे काले खान के स्कूल में 6 कमरों में 413 बच्चे पढ़ते हैं पर ऐसा लगता है दिल्ली नगर निगम को इस बात से कुछ लेना देना नहीं था |


NEWS BROACST ON TOTAL TV - 19.10.2011

हैरत कि बात ये है कि RTI में दिल्ली नगर निगम शहरी छेत्र के शिक्षा उपनिदेशक ने एक महत्वपूर्ण खुलासा और भी किया - कि दिल्ली नगर निगम के शिक्षा संस्थानों पर जो भी कार्यवाही या आदेश उनका शिक्षा विभाग करता है उसके सन्दर्भ में खुद शिक्षा विभाग को ही जानकारी नहीं होती है | मसलन विद्यालय भवन शिक्षा विभाग का, विद्यालय चला रहा शिक्षा विभाग, पर कब विद्यालय को शिक्षा विभाग बंद कर देता है, कब विद्यालय भवन को किसी और को सौंप देता है इस बात कि जानकारी शिक्षा उपनिदेशक को नहीं है - क्या आपको लगता है ये मुमकिन है?


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